मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार 2023

उज्जैन टाइम्स ब्यूरो
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मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार 2023


मप्र में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में नई भाजपा सरकार बनने के 12 दिन बाद आज मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है। विस्तार को लेकर पिछले कई दिनों से मंथन अटकलों का दौर चल रहा था। नए मंत्रियों को सोमवार दोपहर तीन बजे बाद शपथ दिलाई गई.


मंत्रिमंडल विस्तार में 18 कैबिनेट, 4 राज्यमंत्री और 6 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की शपथ ली. 


क्षेत्रीय संतुलन

  • मालवा-निमाड़ : सबसे अधिक 10 मंत्री हैं। इनमें मुख्यमंत्री मोहन यादव और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा भी इसी इलाके से आते हैं।
  • विंध्य से डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला को मिलाकर 3 मंत्री हैं।
  • मध्य भारत :  6
  • महाकौशल  : 5
  • ग्वालियर-चंबल : 4
  • बुदेलखंड : 3

जाति संरचना

  • ओबीसी (OBC) : 11
  • उच्च जाति (UCs) : 09
  • SC (एससी)  : 05
  • ST (एसटी) : 03

पिछली कैबिनेट से इस कैबिनेट में नया नाम

  • कैलाश विजयवर्गीय : इंदौर
  • नागर सिंह चौहान : आलीराजपुर
  • निर्मला भुराड़िया : झाबुआ
  • चैतन्य काश्यपरतलाम


विजय शाहहरसूद विधानसभा सीट से लगातार 8 बार जीतने के साथ ही प्रदेश ही नहीं देश में किसी भी आदिवासी विधायक का लगातार आठ बार जीतने का रिकॉर्ड विधायक विजय शाह के नाम हुआ है। खंडवा जिले की हरसूद विधानसभा सीट से विधायक चुने गए विजय शाह को पांचवीं बार प्रदेश सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला है।


अच्छे प्रदर्शन के बावजूद मप्र कैबिनेट में प्रतिनिधित्व नहीं वाले जिले

  • शहडोल/उमरिया/कटनी/नर्मदापुरम/देवास/पन्ना/नीमच/शिवपुरी/बैतूल/विदिशा

एक से अधिक प्रतिनिधित्व वाले जिले

  • ग्वालियर / दमोह / नरसिंहपुर / भोपाल / राजगढ़ / इंदौर /  पुराना झाबुआ जिला

यह प्रथम बार के विधायक मंत्री बनने जा रहे हैं

  • प्रतिमा बागरी ~ रैगांव, सतना : सबसे कम उम्र में मंत्री पद की शपथ लेने वाली वो जिले की पहली विधायक हैं।
  • राधा रविन्द्र सिंह ~ चितरंगी, सिंगरौली

  • नरेंद्र शिवाजी पटेल ~ उदयपुरा, रायसेन

अन्य संतुलन बनाए रखने के लिए पिछली शिवराज कैबिनेट के निम्नलिखित मंत्रियों को बाहर रखा गया है

  • उषा ठाकुर: कैलाश विजय वर्गीय को शामिल करने और तुलसी सिलावट को रखने के कारण वे कैबिनेट से बाहर हो गईं।
  • हरदीप डंग : उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, जो उसी जिले से आते हैं, के कारण वे बाहर हो गए. 
  • ओम प्रकाश सकलेचा : बहुत कम अंतर से चुनाव जीते। पहली बार विधायक बनने के लिए नए चेहरों को शामिल करना बाकी रह गया है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रभाव

  • केंद्रीय मंत्री के पुराने संसदीय क्षेत्र शिवपुरी, गुना, अशोकनगर से किसी भी विधायक को मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई है।
  • शिवपुरी, गुना, अशोकनगर जिले की 12 सीटों में से भाजपा यहां पर 8 सीटें जीती हैं, लेकिन इनमें से किसी भी विधायक को चुनाव जीतने के बाद मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है।
  • पूर्व में शिवराज सरकार जब मध्य प्रदेश में थी तो उस समय 9 सिंधिया समर्थक मंत्री बनाए गए थे, लेकिन इस बार मोहन मंत्रिमंडल में मात्र ती मंत्री तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर को शामिल किया गया है। सिंधिया के करीबी गोविंद सिंह राजपूत प्रदेश में तीसरी बार बने मंत्री


मध्य प्रदेश का केन्द्रीय मंत्रीमण्डल : राजनीतिक समीक्षकों का कहना


बताया जा रहा है कि सोमवार को मध्य प्रदेश में जो मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है उसमें दिल्ली से पार्टी आलाकमान ने ही  क्षेत्र बार विधायकों को मंत्री पद दिया है।किसी भी विशेष गुट को यहां पर ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई.


शिवराज सरकार में मंत्री रहे कई बड़े नामों को मोहन यादव की कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई है. नए के साथ-साथ पुराने चेहरों को भी कैबिनेट में शामिल कर संतुलन बैठाया गया है.


राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि  केन्द्रीय नेत्रत्व, मध्य प्रदेश का संगठन और अगामी लोक सभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए संतुलित मंत्रीमंडल बनाया गया है, इसलिए किसी एक  व्यक्ति या विशेष क्षेत्र को, विशेष महत्व नहीं दिया गया है।



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