साइबर तहसील : मध्यप्रदेश देश का एकमात्र राज्य

उज्जैन टाइम्स ब्यूरो
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साइबर तहसील लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का एकमात्र राज्य

 

साइबर तहसील परियोजना पूरे प्रदेश में लागू होगी. 1 जनवरी, 2024 से साइबर तहसील की व्यवस्था मध्यप्रदेश के सभी 55 ज़िलों में लागू


प्रदेश में बिना आवेदन, नामांतरण और अभिलेख दुरुस्तीकरण की फेसलेशव्यवस्था जून, 2022 से लागू की गई है। इसे साइबर तहसील नाम दिया गया है। इसमें रजिस्ट्री उपरांत, क्रेता के पक्ष में अविवादित नामांतरण, एक फ़ेसलेस, पेपरलेस तरीके से ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा 14 दिन में बिना आवेदन के और बिना तहसील के चक्कर लगाए स्वतः ऑटोमेटिक तरीके से हो जाता है और खसरे तथा नक़्शे में भी क्रेता का नाम चढ़ जाता है।

 

वर्तमान में यह व्यवस्था प्रदेश के 12 जिलों की 442 तहसीलों में लागू है। इसके माध्यम से अब तक 16 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।


9 अक्टूबर, 2022 को मध्य प्रदेश के राजस्व और परिवहन मंत्री ने बताया कि सीहोर और दतिया जिलों से साइबर तहसील बनाने के पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद, इस नवाचार योजना का दूसरा चरण इंदौर, हरदा में भी लागू किया जा रहा है।


साइबर तहसील लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का एकमात्र राज्य है, जिसने इस अभिनव प्रयोग से लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण में अप्रत्याशित सफलता प्राप्त की है।


ज्ञातव्य है कि साइबर तहसील का गठन अविवादित नामांतरण/बंटवारे के मामलों को आसानी से निपटाने के लिए किया गया था।


जिस जिले में साइबर तहसील काम करेगी वहां के लोगों को अविवादित नामांतरण/बंटवारा के मामलों के लिए तहसील कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ऑनलाइन आवेदन करने से ऐसे अविवादित नामांतरण बंटवारा प्रकरणों का निराकरण हो सकेगा।